श्री डमरुकेश्वर महादेव 4/84

SHARE:

श्री डमरुकेश्वर महादेव 4/84 | shri dhamrukeshwar mahadev 4/84 चौरासी महादेव में से एक डमरुकेश्वर महादेव की पौराणिक गाथा रूद्र नाम के एक महाअसुर और...

श्री डमरुकेश्वर महादेव 4/84 | shri damrukeshwar mahadev 4/84

श्री डमरुकेश्वर महादेव 4/84

अश्वमेघसहस्त्रं तु वाजपेयशतं भवेत्।
गो सहस्त्रफलं चात्र द्रष्ट्वा प्राप्स्यन्ति मानवाः।।
चौरासी महादेव में से एक डमरुकेश्वर महादेव की पौराणिक गाथा रूद्र नाम के एक महाअसुर और उसके पुत्र वज्रासुर से शुरू होती है। वज्रासुर महाबाहु तथा बलिष्ठ था। शक्तियां अर्जित करने वाले इस महाअसुर के दांत तीक्ष्ण थे और इसने अपनी शक्तियों के बल पर देवताओं को उनके अधिकार से विमुख कर दिया एवं उनके संसाधनों पर कब्जा कर उन्हें स्वर्ग से निकाल दिया।

नकारात्मक शक्तियों के चलते पृथ्वी पर वेद, पठन-यज्ञ आदि बंद हो गए और हाहाकार मच गया। तब सभी देवता-ऋषि आदि एकत्रित हुए और असुर वज्रासुर के वध का विचार किया। इसी उद्देश्य के साथ देवताओं और ऋषियों ने मंत्र साधना की। तब तेज प्रकाश के साथ एक ‘कृत्या’ उत्पन्न हुई। यह जानने पर कि वज्रासुर का नाश करना है, उसने अट्टाहास किया जिससे बड़ी संख्या में कन्याएं उत्पन्न हुईं। उन सभी ने मिलकर वज्रासुर से युद्ध किया। कुछ समय पश्चात दैत्य कमजोर होने लगे और युद्ध स्थल से भागने लगे। यह देख वज्रसुर ने तामसी नामक माया का इस्तेमाल किया। माया से घबराकर कृत्या उन कन्याओं के साथ महाकाल वन में आ गईं। वज्रासुर भी अपनी सेना लेकर वहीं आ गया।

इस बारे में नारद मुनि ने विस्तार से सब शिवजी को बताया। शिवजी ने उत्तम भैरव का रूप धारण किया और वे महाकाल वन आये। वहां दानवों की सेना देखकर उन्होंने अपना भयंकर डमरू बजाया। डमरू के शब्द से उत्तम लिंग उत्पन्न हुआ, जिससे निकली ज्वाला में वज्रासुर भस्म हो गया। उसकी सेना का भी नाश हो गया। डमरू से उत्पन्न होने के कारण वह लिंग डमरुकेश्वर कहलाया।

ऐसी मान्यता है कि उज्जैन स्थित चौरासी महादेव में से एक श्री डमरुकेश्वर महादेव के दर्शन करने से पाप नष्ट हो जाते हैं और युद्ध में विजय प्राप्त होती है। श्री डमरुकेश्वर महादेव का मंदिर हरसिद्धि मार्ग पर राम सीढ़ी के ऊपर स्थित है।
श्री डमरुकेश्वर महादेव 4/84 | shri damrukeshwar mahadev 4/84

COMMENTS

Name

84-mahadev,7,aarti,9,amawasya,1,article,5,ashtakam,5,baglamukhi,4,bhajan,33,books,1,chalisa,12,dharm,1,durga-mata,2,ekadashi,1,ganesh,6,garuda-purana,16,greetings,1,hanuman,12,katha,19,khatu-shyam,4,krishna,9,lakshmi-mata,2,mantra,9,namavali,2,navratri,1,pradeep-mishra,4,premanand-ji-maharaj,1,quotes,1,ramayan,1,sai-baba,1,saraswati-mata,3,satsang,1,satyanarayan,1,shailputri,1,shani-dev,1,shiv,21,shlok,1,shri-ram,12,strotam,7,stuti,1,surya-dev,3,tulsi,1,upaay,1,vishnu,1,vishwakarma,2,yatra,7,
ltr
item
भक्ति | Bhakti Jakhira | Bhakti bhajan sangrah: श्री डमरुकेश्वर महादेव 4/84
श्री डमरुकेश्वर महादेव 4/84
श्री डमरुकेश्वर महादेव 4/84 | shri dhamrukeshwar mahadev 4/84 चौरासी महादेव में से एक डमरुकेश्वर महादेव की पौराणिक गाथा रूद्र नाम के एक महाअसुर और...
https://qph.cf2.quoracdn.net/main-qimg-0bd9f7fdf68a6ff82d978f43be255d2e
भक्ति | Bhakti Jakhira | Bhakti bhajan sangrah
https://bhakti.jakhira.com/2025/06/shri-damrukeshwar-mahadev-4-84.html
https://bhakti.jakhira.com/
https://bhakti.jakhira.com/
https://bhakti.jakhira.com/2025/06/shri-damrukeshwar-mahadev-4-84.html
true
2283093152038583595
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Read more Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content