84 महादेव की कथा और यात्रा

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84 महादेव की कथा और यात्रा दूषण नाम का राक्षस था उसको वर था, कि जहां उसका रक्त गिरेगा वहां पर 84 रूप धारण कर लेगा । शिव पुराण के अनुसार 84 महादेव शंकर

84 महादेव की कथा और यात्रा | चोरासी महादेव की कथा और यात्रा

84 महादेव की कथा और यात्रा

84 महादेव की कथा

दूषण नाम का राक्षस था उसको वर था कि जहां उसका रक्त गिरेगा वहां पर 84 रूप धारण कर लेगा । शिव पुराण के अनुसार 84 महादेव शंकर भगवान की बहन थी श्री प्रिया अर्थात आज इसे क्षिप्रा नदी कहते हैं ।

दूषण राक्षस को मारने के लिए शंकर भगवान ने कहा कि, अगर श्री प्रिया जल के रूप में आए, तो जैसे ही मैं राक्षस को मारूंगा तो इसका रक्त पानी में घुल जाएगा और इसका जन्म नहीं होगा अर्थात यह 84 रूप में नहीं बनेगा, जैसे ही शंकर भगवान ने दूषण राक्षस को मारा तो शिप्रा को आने में,देरी हो गई तो राक्षस ने 84 रूप धारण कर लिए ।

चारो और हाहाकार हो गया इसे देखकर बहन शिप्रा ने अपने भाई शंकर पर जल की वर्षा कर दी, जैसे ही जल बहा, तो शंकर जी के 84 टुकड़े हो गए और दूषण राक्षस के 84 रूप, का संहार कर दिया यह टुकड़े पूरी उज्जैनी में, महादेव के रूप मैं है ।

पूरे विश्व में एक ही जगह है उज्जैन जहां पर 84 महादेव हैं |

स्कन्द पुराण के अनुसार 84 लाख योनियों का भ्रमण करते हुए, मानव योनि में आते है, तो मानव योनि में आने के बाद में 84 लाख योनियों के भ्रमण में हम से जो भी दोष हुआ हो तो इन 84 महादेव के दर्शन करने से सारे दोषो का निराकरण होता है। ऐसा कहा जाता है की प्रलय होने पर 84 महादेव ही अचल रहेंगे।

चौरासी महादेव का महत्व

महाकाल की नगरी उज्जैन स्थित 84 महादेवों की अर्चना श्रावण माह में विशेष रूप से की जाती है जब पुरुषोत्तम मास (अधिक मास ) आता है, तब भी दर्शन यात्रा की जाती हैं । स्कन्द पुराण के अनुसार 84 लाख योनियों का भ्रमण करते हुए, मानव योनि में आते है, तो मानव योनि में आने के बाद में 84 लाख योनियों के भ्रमण में, हम से जो भी दोष हुआ हो, तो इन 84 महादेव के दर्शन करने से सारे दोषो का निराकरण होता है। ऐसा कहा जाता है की प्रलय होने पर 84 महादेव ही अचल रहेंगे।

84 महादेव की यात्रा कब करें?

  • श्रावण मास (सावन)  सबसे उत्तम समय : सावन शिवभक्ति का पवित्रतम महीना माना जाता है। श्रावण के सोमवारों में चौरासी महादेव की यात्रा करने से विशेष पुण्य मिलता है।
  • कई श्रद्धालु हर सोमवार एक भाग में दर्शन कर 84 सोमवार में यात्रा पूर्ण करते हैं।
  • महाशिवरात्रि के आसपास : महाशिवरात्रि से पहले या बाद में इस यात्रा की परंपरा कई क्षेत्रों में प्रचलित है। इस काल में शिव मंदिरों में रौनक और विशेष आयोजन होते हैं।
  • कुंभ या सिंहस्थ मेले के दौरान (उज्जैन में) जब उज्जैन में कुंभ या सिंहस्थ मेला लगता है (हर 12 साल में), तब लाखों श्रद्धालु 84 महादेव यात्रा करते हैं। यह समय धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ होता है।
  • कातिक पूर्णिमा से मार्गशीर्ष माह तक : यह समय भी शिव आराधना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर इस समय समूहों में यात्रा होती है।
यात्रा विधि
  • सुबह स्नान कर शिव मंदिरों में दर्शन-पूजन करें।
  • हर मंदिर में जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण, धूप-दीप करें।
  • 84 मंदिरों की यात्रा पूरी करना ही संकल्प होता है।
उज्जैन मे 84 महादेव है इनमे से 4 श्री महाकाल के द्वारपाल हैं।
यह उज्जैन की चार दिशाओ मे हैं।
  1. श्री पिंगलेश्वर महादेव ( पूर्व )
  2. श्री कायावरोहणेश्वर महादेव (दक्षिण)
  3. श्री बिल्बकेश्वर महादेव (उत्तर )
  4. श्री दुर्दरेश्वर महादेव (पश्चिम)

84 महादेव | चौरासी महादेव

उज्जैन के 84 महादेव यात्रा की क्रमानुसार सूची इस प्रकार है :
  1. श्री अगस्तेश्वर महादेव : हरसिध्दि मंदिर के पीछे संतोषी माता के मंदिर मे यात्रा यही से प्रारंभ होती है , तथा अन्त मे पुनः श्री अगस्तेश्वर महादेव के दर्शन -पूजन के उपरांत संपूर्ण होती है ।
  2. श्री गुहेश्वर महादेव : शिप्रा किनारे रामघाट पर बिना शिखर का मंदिर, श्री धर्मराजजी मंदिर के पास नदी किनारे ।
  3. श्री ढूंढेश्वर महादेव : शिप्रा किनारे रामघाट के सामने सीढी पर बाए हाथ पर । यहां शुद्ध घी का दान करने का महत्व है।
  4. श्री डमरूकेश्वर महादेव : रामघाट पर राम सीढी पर ।
  5. श्री अनादिकल्पेश्वर महादेव : महाकाल मंदिर क्षेत्र के जूना महाकाल मंदिर के पास ।
  6. श्री स्वर्णज्वालेश्वर महादेव : राम सीढी पर श्री ढूंढेश्वर महादेव के ऊपर । यहां घी मिश्रित खीर का दान करना चाहिए।
  7. श्री त्रिविष्टेश्वर महादेव : महाकाल मंदिर क्षेत्र मे ओंकारेश्वर मंदिर के पीछे महाकाल के सभा मंडप की सीढी के पास ।
  8. श्री कपालेश्वर महादेव : श्री अवन्तिपाश्वनाथ तीर्थ के चौराहा से बड़े पुल जाने पर घाटी पर बाए हाथ पर ।
  9. श्री स्वर्णद्वारपालेश्वर महादेव : महाकाल के चौराहा से हरिफाटक ब्रिज जाने पर बाए हाथ पर पुलिया के नीचे। यहां पर दूध का दान करें।
  10. श्री कर्कोटेश्वर महादेव : हरसिध्दि मंदिर के परिसर मे ।
  11. श्री सिद्धेश्वर महादेव : सिद्धनाथ मंदिर मे सिद्धनाथ घाट के नये दरवाज़े के पास ।
  12. श्री लोकपालेश्वर महादेव : कार्तिक चौक से रघुवंशी मार्ग से दाए हाथ के तरफ की गली मे सीधे चौक मे। यहां पर तिल मिश्रित खिचड़ी का दान करना चाहिए।
  13. श्री मनकामनेश्वर महादेव : शिप्रा नदी के छोटे पुल से रामघाट जाने के मार्ग , गधर्व घाट पर उदासीन अखाड़े के पास ।
  14. श्री कुटुम्बकेश्वर महादेव : कार्तिक चौक सिंहपुरी मे श्री गोवर्धन नाथजी की हवेली (पुष्टिमार्गीय ) से आगे ।
  15. श्री इंद्रधुम्नेश्वर महादेव : पटनी बाजार से मोदीजी के गली मे खोखो माता मंदिर से पहले । यहां पर मालपुए के दान का महत्व है।
  16. श्री ईशानेश्वर महादेव : श्री इंददयुम्नेश्वर महादेव से पहले ।
  17. श्री अप्सरेश्वर महादेव : पटनी बाजार के पास सुगंधी गली मे ।
  18. श्री कलकलेशश्वर महादेव : श्री ईशानेश्वर महादेव से आगे की पहली गली मे दाए हाथ तरफ । यहां पर चांदी के दान का महत्व है।
  19. श्री नागचंद्रेश्वर महादेव : पटनी बाजार के पास नागनाथ की गली मे ।
  20. श्री प्रतिहारेश्वर महादेव : श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर के परिसर मे ।
  21. श्री कुक्कुटेश्वर महादेव : शिप्रा नदी के छोटे पुल से रामघाट जाने के मार्ग पर उदासीन अखाड़े के पास यहां पर चांदी और दूध का दान किया जाता है।
  22. श्री कर्कटेश्वर महादेव : ढाबा रोड से दानी गेट पर श्री पोरवाल धर्मशाला के पास गली से सीधे अंदर सीधे हाथ पर ।
  23. श्री मेघनादेश्वर महादेव : सतीगेट से गोपाल मंदिर मार्ग पर पहली गली, छोटा सराफा में नरसिंग मंदिर के पीछे ।
  24. श्री महालयेश्वर महादेव : श्री सिद्धेश्वर महादेव के पीछे लेफ्ट साइड की गली में चौक में । यहां पर तिल के दान का महत्व है।
  25. श्री मुकक्तेश्वर महादेव : श्री सिद्धेश्वर महादेव के पीछे राइट साइड की गली में लेफ्ट साइड की पहली गली में अंदर ।
  26. श्री सोमेश्वर महादेव : श्री अवन्तिपाश्वनाथ तीर्थ के चौराहा से बड़े पुल जाने पर घाटी पर राइट साइड में रोड पर ।
  27. श्री अनकेश्वर महादेव : आगर रोड पर मकोडियाम चौराहे से अंकपात जाने के मार्ग पर बिजली घर से आगे लेफ्ट साइड की पहली गली इनिदरा नगर में पानी की टंकी से पहले की गली में अंदर । यहां पर जल दान करने का महत्व है।
  28. श्री जटेशश्वर महादेव : अंकपात चौक से मकोडियाम जाने की सड़क पर मंदिर के आँगन में नया मंदिर ।
  29. श्री रामेश्वर महादेव : सती दरवाजे के पास रामेश्वर गली में ।
  30. श्री च्यवनेश्वर महादेव : अंकपात से इंदिरा नगर जाने के मार्ग में ईद गहा के पास । यहां पर कमल पुष्प दान करने का महत्व है।
  31. श्री खंडेश्वर महादेव : आगर रोड मकोडियाम से आगे आर डी गार डी कॉलेज के रोड पर ही खिलची पर गाँव में टीले पर ।
  32. श्री पत्तेश्वर महादेव : आगर रोड मकोडियाम से आगे आर डी गार डी कॉलेज के रोड पर पुलिया से पहले ।
  33. श्री आनंदेश्वर महादेव : चक्क्रतीर्थ के गेट से आगे राइट साइड में ऊपर । यहां लाल चंदन गुलाब दान करना श्रेष्ठ है।
  34. श्री कंधडेश्वर महादेव : सिद्धनाथ मंदिर के सामने की गली में भैरवगढ़ गाँव के अंदर , ऊपर घाटी पर ।
  35. श्री इन्द्रेश्वर महादेव : श्री अवन्तिपाश्वनाथ तीर्थ के चौराहा से बड़े पुल जाने पर घाटी के ठीक ऊपर रोड पर लेफ्ट साइड में रोड पर ।
  36. श्री मार्कण्डेश्वर महादेव : अंकपात मार्ग में राम लक्ष्मण मंदिर के पास विष्णुसागर पर । यहां पर घी दान का महत्व है।
  37. श्री शिवेश्वर महादेव : राम लक्ष्मण मंदिर की सीढ़ी पर ।
  38. श्री कुसुमेश्वर महादेव : राम लक्ष्मण मंदिर परिसर में द्वारकाधीश मंदिर की सीडी के नीचे ।
  39. श्री अक्रूरेश्वर महादेव : राम लक्ष्मण मंदिर के बाहर ठीक सामने । यहां पर चीकू फल दान करना श्रेष्ठ है।
  40. श्री कुण्डेश्वर महादेव : अंकपात में अंकपात चुरहे से आगे बैठक जी के परिसर में ।
  41. श्री लुम्पेश्वर महादेव : भैरव गढ़ पुल के पार सीधे हाट की तरफ पुलिस लाइन में अंदर ।
  42. श्री गंगेश्वर महादेव : मंगल नाथ चौक में नदी के किनारे । यहां पर द्रव्य करने का महत्व है।
  43. श्री अंगारेश्वर महादेव : मंगल नाथ के पीछे कामड़ गाँव में ।
  44. श्री उत्तरारेश्वर महादेव : मंगलनाथ चौक में श्री गंगेश्वर महादेव के आगे ।
  45. श्री त्रिलोचनेश्वर महादेव : मंगलनाथ रोड से लालबई फुलबई मार्ग में लेफ्ट साइड की गली में राईट साइड की गली में । यहां पर गर्म वस्त्र व तांबा दान करना श्रेष्ठ है।
  46. श्री वीरेश्वर महादेव : ढाबा रोड सत्यनारायण मंदिर के पास ।
  47. श्री नुपूरेश्वर महादेव : डाबरीपीठा मे सुतरगली मे ।
  48. श्री अभयेश्वर महादेव : ढाबा रोड से दानी गेट पर श्री पोरवाल धर्मशाला से आगे नदी मार्ग पर लेफ्ट साइड की पहली गली मे अंदर । यहां पर रेशमी वस्त्र व मूली का दान किया जाता है।
  49. श्री प्रथुकेश्वर महादेव : शिप्रा नदी के छोटे पुल से राम बाग़ जाने के मार्ग पर नदी की रपट के पास श्री कैदारेशश्वर महादेव मे ।
  50. श्री स्थावरेश्वर महादेव : श्री कालिदास मोन्टेसरी स्कूल बाम्बाखाना के सामने , नईपेठ मे शनि मंदिर में अंदर ।
  51. श्री सुलेश्वर महादेव : ढाबा रोड से दानी गेट पर श्री पोरवाल धर्मशाला के पास मे गली से आगे श्री कर्कटेश्वर महादेव से आगे लेफ्ट साइड की गली में अंदर । यहां पर कंदमूल फल का दान करें।
  52. श्री ओंकारेश्वर महादेव : गोपाल मंदिर से कमरी मार्ग जाते समय लेफ्ट साइड की पहली गली से सीधे अंदर ।
  53. श्री विश्वेश्वर महादेव : श्री ओंकारेश्वर महादेव से आगे राइट साइड की गली के कोने पर ।
  54. श्री नीलकण्ठेश्वर महादेव : पीपलीनाका चौराहा से बी पास रोड पर राइट साइड में रोड पर । यहां पर दधि पात्र का दान करना चाहिए।
  55. श्री सिंहेश्वर महादेव : गढकालिका मे गणपति मंदिर से आगे ।
  56. श्री रेवन्तेवर महादेव : खाती मंदिर से कार्तिक चौक मार्ग पर मंदिर मे ।
  57. श्री घण्टेश्वर महादेव : कार्तिक चौक के तिराहे पर । यहां पर मधु यानी शहद का दान करना चाहिए।
  58. श्री प्रयागेश्वर महादेव : शिप्रा के बडेपुल से पीपलीनाका जाने के मार्ग मे ऋणमुक्तेश्वर मंदिर से पहले ।
  59. श्री सिद्धेश्वर महादेव : गोपाल मंदिर के पीछे गली मे ।
  60. श्री मातंगेश्वर महादेव : टंकी चौराहा के पास पिजारवाड़ी मे । यहाँ पंचमेवा और घी दान करने का महत्व है।
  61. श्री सौभाग्येश्वर महादेव : पटनी बाजार के पास सौभाग्येश्वर की गली मे ।
  62. श्री रुपेशश्वर महादेव : सिंहपुरी मे आताल -पाताल भैरव से श्री गोवर्धन नाथजी के हवेली जाने के मार्ग मे लेफ्ट साइड की गली मे अंदर ।
  63. श्री धनुसहस्त्रेश्वर महादेव : पिपलीनाका से तिलकेश्वर मंदिर के पास की गली मे अंदर , महाजन बस्ती मे । यहां पर पुस्तक का दान करना चाहिए।
  64. श्री पशुपत्तेश्वर महादेव : सब्जी मंडी से चक्रतीर्थ के बीच बाय पास मे पहली , गली मे घाटी ऊपर ।
  65. श्री ब्रह्मेश्वर महादेव : ढाबा रोड़ से दानी गेट मार्ग , पोरवाल धर्मशाला के पास को गली में अंदर बाये हाथ की पहली गली में ।
  66. श्री जल्पेश्वर महादेव : बड़े पुल से गांधी उद्यान से पहले राइट साइड के रास्ते मे नदी के पास । यहां पर दूध व शहद का दान करना चाहिए।
  67. श्री केदारेश्वर महादेव : शिप्रा नदी के छोटी पुलिया से राम बाघ मार्ग पर पुलिया के राइट साइड में मंदिर ।
  68. श्री पिशाचमुक्तेश्वर महादेव : रामघाट पर नदी के किनारे ।
  69. श्री संगमेश्वर महादेव : श्री अगस्तेश्वर महादेव मंदिर के बाजू मे गेट से सीधे , नीचे सीढ़ी से नीचे । यहां पर गाय का दान करना श्रेष्ठ है।
  70. श्री दुर्घटेश्वर महादेव : शिप्रा नदी के गंधर्व घाट पर श्री मनकामनेश्वर महादेव के पास श्री कुक्कुटेश्वर महादेव के पास ।
  71. श्री प्रयागेश्वर महादेव : कार्तिक चौक से रघुवंशी मार्ग से दाए हाथ के तरफ की गली मे सीधे चौक मे। श्री लोकपालेश्वर महादेव के पास ।
  72. श्री चन्द्रादित्येश्वर महादेव : श्री महाकाल मंदिर के सभामंडप ,कुण्ड के पास मंदिर के अंदर , शंकराचार्या के मूर्ति के पास । यहां पर चंदन का दान किया जा सकता है।
  73. श्री करभरेश्वर महादेव : भैरवगढ में कालभैरव मंदिर के सामने ,पुलिया के पास ।
  74. श्री राजस्थलेश्वर महादेव : भागसीपुरा मे आनन्दभैरव के पास के गली मे , कोने पर ।
  75. श्री बड़ेलेश्वर महादेव : श्री सिद्धनाथ मंदिर (भैरवगढ ) , पर सिद्धवट के सामने । यहां पर वस्त्र दान का महत्व है।
  76. श्री अरुणेश्वर महादेव : रामघाट पर राम सीढी के किनारे , श्री धर्मराज महाराज के बाजू मे , राम सीढी से पहले ।
  77. श्री पुष्पदन्तेश्वर महादेव : कार्तिक चौक के तिराहे , से रघुवंशी मार्ग जाने पर लेफ्ट साइड की गली मे घाटी के ऊपर ।
  78. श्री अभिमुक्तेश्वर महादेव : सिंहपुरी मार्ग में मंगल नाथ से आगे । यहां पर कास्य पात्र दान करने का विशेष महत्व है।
  79. श्री हनुमंतेश्वर महादेव : गढकालिका क्षेत्र मे श्री सिंहेश्वर महादेव , से आगे ।
  80. श्री स्वप्नेश्वर महादेव : श्री महाकाल मंदिर परिसर मे ।
  81. श्री पिंगलेश्वर महादेव : फ्रीगंज से मक्सीरोड पर श्री सिंथेटिक फैक्ट्री के पास के रास्ते मे बहुत अंदर , रेलवे के पुलिया के नीचे होते हुए । यहां ध्वजा दान का महत्व है।
  82. श्री कायावरोहणेश्वर महादेव : त्रिवेणी से तपोभूमि के पास के रास्ते , से बहुत अंदर करोहण गावँ मे ।
  83. श्री बिल्बकेश्वर महादेव : गंभीर डेम मार्ग पर , ग्राम अम्बोदिया में श्री सेवाधाम आश्रम के ठीक सामने ।
  84. श्री दुर्दरेश्वर महादेव : आर. डी गार्डी मेडिकल कॉलेज से आगे , सीधे जैथल गावँ में बहुत अंदर । यहां तांबे के कलश का दान करना चाहिए।


84 महादेव क्षेत्र अनुसार

उज्जैन के 84 महादेव की यात्रा, क्षेत्र के अनुसार इस प्रकार है -

1.) हरसिध्दि मंदिर और शिप्रा नदी :

श्री अगस्तेश्वर महादेव, श्री संगमेश्वर महादेव, श्री कर्कोटेश्वर महादेव :(हरसिध्दि मंदिर के परिसर मे ), श्री स्वर्णज्वालेश्वर महादेव, श्री ढूंढेश्वर महादेव, श्री अरुणेश्वर महादेव, श्री गुहेश्वर महादेव, श्री पिशाचमुक्तेश्वर महादेव, श्री डमरूकेश्वर महादेव, श्री मनकामेश्वर महादेव, श्रीकुक्कुटेश्वर महादेव, श्रीदुर्घटेश्वर महादेव, श्री केदारेश्वर महादेव, श्री प्रथुकेश्वर महादेव

2.) महाकाल मंदिर क्षेत्र :

श्री अनादिकल्पेश्वर महादेव : महाकाल मंदिर क्षेत्र के जूना महाकाल मंदिर के पास ।
श्री त्रिविष्टेश्वर महादेव : महाकाल मंदिर क्षेत्र मे ओंकारेश्वर मंदिर के पीछे महाकाल के सभा मंडप की सीढी के पास
श्री चन्द्रादित्येश्वर महादेव : श्री महाकाल मंदिर के सभामंडप, कुण्ड के पास मंदिर के अंदर, शंकराचार्या के मूर्ति के पास
श्री स्वप्नेश्वर महादेव : श्री महाकाल मंदिर परिसर मे ।
श्री स्वर्णद्वारपालेश्वर महादेव : महाकाल के चौराहा से हरिफाटक ब्रिज जाने पर बाए हाथ पर पुलिया के नीचे।

3.) चक्क्रतीर्थ :

श्री आनंदेश्वर महादेव : चक्क्रतीर्थ के गेट से आगे सीधी तरफ में ऊपर ।

4.) कार्तिक चौक :

श्री घण्टेश्वर महादेव, श्री रेवन्तेवर महादेव, श्री कुटुम्बकेश्वर महादेव, श्री पुष्पदन्तेश्वर महादेव, श्री रुपेशश्वर महादेव, श्री अभिमुक्तेश्वर महादेव, श्रीलोकपालेश्वर महादेव, श्री प्रयागेश्वर महादेव,

5.) ढाबा रोड, दानी गेट, खटीकवाङा, अनंत पेठ, चक्रतीर्थ, बड़े पुल

श्री ब्रह्मेश्वर महादेव, श्री कर्कटेश्वर महादेव, श्री सुलेश्वर महादेव, श्री विश्वेश्वर महादेव,
श्रीओंकारेश्वर महादेव, श्री अभयेश्वर महादेव, श्री सोमेश्वर महादेव,
श्री कपालेश्वर महादेव, श्री इन्द्रेश्वर महादेव, श्री जल्पेश्वर महादेव,
श्री वीरेश्वर महादेव (ढाबा रोड सत्यनारायण मंदिर के पास ।)

6.) पिपलीनाका, गढकालिका क्षेत्र

श्री पशुपत्तेश्वर महादेव, श्री धनुसहस्त्रेश्वर महादेव, श्री प्रयागेश्वर महादेव, श्री नीलकण्ठेश्वर महादेव, श्री सिंहेश्वर महादेव, श्री हनुमंतेश्वर महादेव

7.) नयापुरा, अंकपात मार्ग, मंगल नाथ, कालभैरव, श्री सिद्धनाथ मंदिर

श्री त्रिलोचनेश्वर महादेव, श्री मार्कण्डेश्वर महादेव, श्री शिवेश्वर महादेव, श्री कुसुमेश्वर महादेव,
श्री अक्रूरेश्वर महादेव, श्री कुण्डेश्वर महादेव, श्री च्यवनेश्वर महादेव, श्री जटेशश्वर महादेव,
श्री अनकेश्वर महादेव, श्री गंगेश्वर महादेव, श्री उत्तरारेश्वर महादेव, श्री अंगारेश्वर महादेव
श्री बड़ेलेश्वर महादेव, श्री सिद्धेश्वर महादेव, श्री कन्थडेश्वर महादेव, श्री लुम्पेश्वर महादेव,
श्री करभरेश्वर महादेव

8.) आगर रोड, मकोडिया आम, जैथल गाँव

श्री खंडेश्वर महादेव, श्री पत्तेश्वर महादेव, श्री दुर्दरेश्वर महादेव

9.) सती गेट, छत्री चौक (टंकी चौराहा), छोटा सराफा, नई पेठ, भागसीपुरा, पटनी बाजार

श्री रामेश्वर महादेव, श्री नुपूरेश्वर महादेव ( डाबरीपीठा मे सुतरगली मे ), श्री मातंगेश्वर महादेव,
श्री मेघनादेश्वर महादेव, श्री स्थावरेश्वर महादेव,
श्री राजस्थलेश्वर महादेव, श्री नागचंद्रेश्वर महादेव, श्री प्रतिहारेश्वर महादेव, श्री ईशानेश्वर महादेव,
श्री इंददयुम्नेश्वर महादेव, श्री कलकलेशश्वर महादेव, श्री अप्सरेश्वर महादेव, श्री सिद्धेश्वर महादेव
श्री मुकक्तेश्वर महादेव, श्री महालयेश्वर महादेव, श्री सौभाग्येश्वर महादेव

10.) गंभीर डेम मार्ग ग्राम अम्बोदिया

श्री बिल्बकेश्वर महादेव

11.) त्रिवेणी से तपोभूमि के पास के रास्ते, से करोहण गाँव

श्री कायावरोहणेश्वर महादेव

12.) फ्रीगंज पुल से मक्सीरोड पर श्री सिंथेटिक फैक्ट्री के पास के रास्ते मे, पिंगलेश्वर गाँव

श्री पिंगलेश्वर महादेव

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भक्ति | Bhakti Jakhira | Bhakti bhajan sangrah: 84 महादेव की कथा और यात्रा
84 महादेव की कथा और यात्रा
84 महादेव की कथा और यात्रा दूषण नाम का राक्षस था उसको वर था, कि जहां उसका रक्त गिरेगा वहां पर 84 रूप धारण कर लेगा । शिव पुराण के अनुसार 84 महादेव शंकर
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